शेष राशि रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ 75 ,000 (पचहतà¥à¤¤à¤° हजार) ‘समाज के नोबेल पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•ार” के खाते में जमा की जा रही है।
“सà¥à¤–वाड़ा” ई -दैनिक और मासिक वर-वधू के इस निरà¥à¤£à¤¯ की पà¥à¤°à¤¶à¤‚सा करते हà¥à¤ उनके सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ सà¥à¤–ी संपनà¥à¤¨ वैवाहिक जीवन की कामना करता है।
“सà¥à¤–वाड़ा” ई -दैनिक और मासिक
]>बैतूल जिले में à¤à¤¾à¤Ÿ के मतानà¥à¤¸à¤¾à¤° पंवार समाज के पूरà¥à¤µà¤œ लगà¤à¤— विकà¥à¤°à¤¯ संवत 1141 में धारा नगरी धार से बैतूल आठथे। जिले में लगà¤à¤— पंवारों के 200 गांव है। पंवारों की संखà¥à¤¯à¤¾ लाखों में है। बैतूल जिले के पंवार अगà¥à¤¨à¤¿à¤µà¤‚शी है, इनका गोतà¥à¤° वशिषà¥à¤ है, पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤–ा पà¥à¤°à¤®à¤° या पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤° है। ये पूरà¥à¤£ रूप से परमार (पंवार) राजपूत कà¥à¤·à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯ है। वेद में इन जातियों को राजनà¥à¤¯ और मनोसà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ में बाहà¥à¤œ, कà¥à¤·à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯, राजपà¥à¤¤à¥à¤° तथा राजपूत और ठाकà¥à¤°à¥‹à¤‚ के नाम से संबोधित किया है। सà¤à¥€ लोग अपने à¤à¤¾à¤Ÿ से अपने वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• इतिहास की जानकारी अवशà¥à¤¯ लें ताकि आने वाली पीढ़ी को à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में यह पता रहे कि वे कौन से पंवार है उनका गोतà¥à¤° कà¥à¤¯à¤¾ है? हमारे वंश के महापà¥à¤°à¥‚ष कौन है। जब मालवा धार से पंवार मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ से यà¥à¤¦à¥à¤§ करते हà¥à¤ नरà¥à¤®à¤¦à¤¾ तट तक होशंगाबाद पहà¥à¤‚चे वहां उस समय कि परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के कारण सà¤à¥€ लोगों ने अपने जनेऊ उतारकार नरà¥à¤®à¤¦à¤¾ में डाल दिठथे। à¤à¤¾à¤Ÿ लोगों के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° ये सà¤à¥€ परमार शाकाहारी थे, मांस मदिरे का सेवन नहीं करते थे।
वेदिक सोलह संसà¥à¤•ारों को अपनाते थे किंतॠसमय और विषम परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के कारण सेना के इस समूह की टà¥à¤•डिय़ां कà¥à¤°à¤®à¤¶: बैतूल, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, मंडला, जबलपà¥à¤°, रायपà¥à¤°, बिलासपà¥à¤°, राजनांदगांव, à¤à¤¿à¤²à¤¾à¤ˆ, दà¥à¤°à¥à¤— तथा महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° के नागपà¥à¤°, à¤à¤‚डारा गोंदिया, तà¥à¤®à¤¸à¤°, वरà¥à¤§à¤¾, यवतमाल, अमरावती, बà¥à¤²à¤¢à¤¾à¤¨à¤¾ आदि जिलों में जाकर बस गà¤à¥¤ बैतूल और छिंदवाड़ा के पंवारों को उस समय यहां रहने वाली जातियों के लोगों ने अपनी बोली से à¤à¥à¤ˆà¤¹à¤° कहा जो अपà¤à¥à¤°à¤‚स होकर à¤à¥‹à¤¯à¤° कहलाये। उस समय की à¤à¥‹à¤—ौलिक परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ तथा आरà¥à¤¥à¤¿à¤• मजबूरियों के कारण ये समसà¥à¤¤ पंवार अपने परिवार का पालन पोषण करने के चकà¥à¤•र में अपने मूल रीति रिवाज और मूल संसà¥à¤•ार à¤à¥‚लते चले गà¤à¥¤ सà¤à¥€ ओर कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾ का पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ बढ़ गया इसलिठइन सà¤à¥€ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में वहां की सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾ का अंश पंवारों की à¤à¤¾à¤·à¤¾ में देखने आता है किंतॠआज à¤à¥€ पंवार समाज की मातृà¤à¤¾à¤·à¤¾ याने बोली में मालवी à¤à¤¾à¤·à¤¾ और राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾ के अधिकांश शबà¥à¤¦ मिलते है। सैकड़ों वरà¥à¤·à¥‹ के अंतराल के कारण लोगों ने जो लोकल टाइटल (पहचान) बना ली थी वो कालांतर में गोतà¥à¤° के रूप में सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ हो गई। आज पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ सरनेम को ही लोग अपना गोतà¥à¤° मानते है जबकि गोतà¥à¤° का अà¤à¤¿à¤ªà¥à¤°à¤¾à¤¯ उतà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿ से है और सà¤à¥€ वरà¥à¤£ के लोगों की उपतà¥à¤¤à¤¿ किसी न किसी ऋषि के माधà¥à¤¯à¤® से ही हà¥à¤ˆ है। हमें गरà¥à¤µ है कि हमारी उतà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿ अगà¥à¤¨à¤¿à¤•à¥à¤‚ड से हà¥à¤ˆ है। और हमारे उतà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿ करà¥à¤¤à¤¾ ऋषियों में शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ महरà¥à¤·à¤¿ वशिषà¥à¤ है, इसलिठहमारा गोतà¥à¤° वशिषà¥à¤ है।
बैतूल जिले के पंवार मूलत: कृषक है। अब यà¥à¤µà¤¾ पीढ़ी के लोग उदà¥à¤¯à¥‹à¤— धंधे में तथा नौकरियों में आ रहे है। शिकà¥à¤·à¤¾ के अà¤à¤¾à¤µ के कारण यहां के पंवार समाज के अधिकांश लोग आरà¥à¤¥à¤¿à¤• दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से पिछड़े हà¥à¤ है। इस समाज में पहले महिलाà¤à¤‚ शिकà¥à¤·à¤¿à¤¤ नहीं थी किंतॠअब महिला तथा पà¥à¤°à¥‚ष दोनों ही उचà¥à¤š शिकà¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर उचà¥à¤š पदों पर आसीन है। समाज के उचà¥à¤š शिकà¥à¤·à¤¿à¤¤ लोग सà¤à¥€ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में बड़े-बड़े महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ पदों पर और विदेशों में à¤à¥€ समाज का गौरव बढ़ा रहे है। कृषक à¤à¥€ आधà¥à¤¨à¤¿à¤• विकसित संसाधनों से उनà¥à¤¨à¤¤ कृषि वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¤¾à¤¯ में लगे हà¥à¤ है।
बैतूल जिले के पंवारों के गांव की सूची
बैतूल कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° के गांव
1. बैतूल नगरीय कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° 2. बैतूलबाजार नगरीय कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°, 3. बडोरा 4. हमलापà¥à¤°, 5. सोनाघाटी, 6. दनोरा, 7. à¤à¤¡à¥‚स, 8. परसोड़ा 9. ढोंडबाड़ा, डहरगांव, बाबरà¥à¤ˆ, डोल, महदगांव, ऊंचागोहान, रातामाटी, खेड़ी सांवलीगढ़, सेलगांव, रोंढा, करजगांव, नयेगांव, सावंगा, कराड़ी, à¤à¥‹à¤—ीतेढ़ा, à¤à¤µà¤¾à¤¨à¥€à¤¤à¥‡à¤¢à¤¼à¤¾, लोहारिया, सोहागपà¥à¤°, बघोली, सापना, मलकापà¥à¤°, बाजपà¥à¤°, बà¥à¤‚डाला, खंडारा, बोड़ीबघवाड़, ठेसका, राठीपà¥à¤°, खेड़ी à¤à¥ˆà¤‚सदेही, शाहपà¥à¤°, à¤à¥Œà¤‚रा, घोड़ाडोंगरी, पाथाखेड़ा, शोà¤à¤¾à¤ªà¥à¤°, सारणी कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°, à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€, जामठी, बघडोना, à¤à¤—डिय़ा, कड़ाई, मंडई, गजपà¥à¤°, बाजपà¥à¤°, पतरापà¥à¤°, सांपना, खेड़लाकिला, चिखलà¥à¤¯à¤¾ (रोंढा), कोरट, मौड़ी, कनाला, बयावाड़ी
मà¥à¤²à¤¤à¤¾à¤ˆ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° के गांव – मà¥à¤²à¤¤à¤¾à¤ˆ नगरीय कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°, थावरà¥à¤¯à¤¾, कामथ, चंदोराखà¥à¤°à¥à¤¦, करपा, परसठानी, देवरी, हरनया, मेलावाड़ी, बूकाखेड़ी, चौथिया, हरदौली, शेरगढ़, मालेगांव, कोलà¥à¤¹à¤¯à¤¾, हथनापà¥à¤°, सावंगा, डउआ, घाट बिरोली, बरखेड़, पिपरिया, डोब, सेमरिया, पांडरी सिलादेही, जाम, खेड़ी देवनाला, चिचंडा, निंबोरी चिलà¥à¤¹à¤¾à¤Ÿà¥€, कà¥à¤‚डई, खंबारा, मलà¥à¤¹à¤¾à¤°à¤¾, कोंढर, जूनापानी, सेमà¤à¤°, डहरगांव, चैनपà¥à¤°, तà¥à¤®à¤¡à¤¼à¥€, डोल, मलà¥à¤¹à¤¾à¤°à¤¾à¤–ापा, पिपरपानी, नीमदाना, वà¥à¤¹à¤¾à¤¯à¤¾à¤¨à¤¿à¤¡à¥‹à¤°à¤¨à¥€, छोटी अमरावती, छिंदखेड़ा, गाडरा, सोमगढ़, à¤à¤¿à¤²à¤ªà¤¾, नंदबोही, दà¥à¤¨à¤¾à¤µà¤¾, दà¥à¤¨à¤¾à¤ˆ, गांगई, मूसाखापा, खलà¥à¤²à¤¾, सोनेगांव, सिपावा, à¤à¥ˆà¤‚सादंड, मलोलखापा, बालखापा, घाट पिपरिया, सरई, काठी, हरदौली, लालढाना, खामढाना, लीलाà¤à¤°, बिसखान, मयावाड़ी, थारी, मà¥à¤‚डापार, चिखलीकला, कपासिया, लाखापà¥à¤°, हिवरा, पारबिरोली, खैरवानी, सावंगी, लेंदागोंदी, मोरखा, तरूणाबà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤—, डà¥à¤¡à¤°à¤¿à¤¯à¤¾, पिडरई, जौलखेड़ा, मोही, हेटीखापा, परमंडल, नगरकोट, दिवटà¥à¤¯à¤¾, बà¥à¤‚डाला, हेटी, खतेड़ाकला, हरनाखेड़ी, अरà¥à¤°à¤¾, बरई, जामà¥à¤¨à¤à¤¿à¤°à¥€, टेमà¤à¤¿à¤°à¤¾, बाड़ेगांव, केकडà¥à¤¯à¤¾, à¤à¤¨à¤¸, निरà¥à¤—à¥à¤£, सेमà¤à¤¿à¤°à¤¾, पोहर, सांईखेड़ा, बोथया, बà¥à¤°à¤¾à¤®à¥à¤¹à¤£à¤µà¤¾à¤¡à¤¼à¤¾, खेड़लीबाजार, बोरगांव, बाबरबोह, महतपà¥à¤°, माथनी, छिंदी, खड़कवार, केहलपà¥à¤°, तरोड़ा, सोडà¥à¤‚या, रिधोरा, सोनोरी, सेमरया, जूनावानी, चिचंडा, हà¥à¤®à¤¨à¤ªà¥‡à¤Ÿ, बानूर, खेड़ी बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤—, उà¤à¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¤¾, खापा, नयेगांव, ससà¥à¤‚दà¥à¤°à¤¾, पंखा, अंधारिया,
आमला नगरीय कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° – जंबाड़ा, बोडख़ी, नरेरा, छिपनà¥à¤¯à¤¾, पिपरिया, महोली, उमरिया, सोनेगांव, बोरदेही, चिचोली, à¤à¥ˆà¤‚सदेही, गà¥à¤¬à¤°à¥ˆà¤², डोलढाना आदि।
बैतूल जिले के वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में पंवारों के à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨-à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ सरनेम, उपनाम जिसे आज ये लोग गोतà¥à¤° कहते है।
परिहार या पराड़कर, पठाड़े, बारंगे, बारंगा, बà¥à¤†à¤¡à¤¼à¥‡, देशमà¥à¤–, खपरिà¤, पिंजारे, गिरहारे, चौधरी, चिकाने, माटे, ढोंडी, गाडरी, कसारे, कसाई, कसलिकर, सरोदे, ढोले, ढोलà¥à¤¯à¤¾, बिरगड़े, उकड़ले, रोलकà¥à¤¯à¤¾, किरणकार, किनकर, किरंजकार, घाघरे, रबड़े, रबडà¥à¤¯à¤¾, à¤à¥‹à¤à¤¾à¤Ÿ, दà¥à¤–ी, बारबà¥à¤¹à¤¾à¤°à¥‡, मà¥à¤¨à¥€, बरखेडà¥à¤¯à¤¾, बागवान, देवासे, देवासà¥à¤¯à¤¾, फरकाडà¥à¤¯à¤¾, फरकाड़े, नाडि़तोड़, à¤à¤¾à¤¦à¥‡, à¤à¤¾à¤¦à¥à¤¯à¤¾, कड़वे, कड़वा, रमधम, राऊत, रावत, करदातà¥à¤¯à¤¾, करदाते, हजारे, हजारी, गाड़कà¥à¤¯à¤¾, गाकरे, खरफà¥à¤¸à¥à¤¯à¤¾, खौसी, खवसे, कौशिक, पाठेकर, पाठा, मानमोडà¥à¤¯à¤¾, मानमोड़े, हिंगवे, हिंगवा, डालू, ढालू, डहारे, डोंगरदिà¤, डोंगरे, डिगरसे, ओमकार, उकार, टोपलà¥à¤¯à¤¾, टोपले, गोंदरà¥à¤¯à¤¾, धोटà¥à¤¯à¤¾, धोटे, ठावरी, ठूसी, लबाड़, ढूंढाडà¥à¤¯à¤¾, ढोबारे, गोरà¥à¤¯à¤¾, गोरे, काटोले, काटवाले, आगरे, डोबले, कोलया, हरने, ढंडारे, ढबरे, तागड़ी, सेंडà¥à¤¯à¤¾, खसखà¥à¤¸à¥‡, गढढे, वादà¥à¤¯à¤®à¤¾à¤°à¥‡, सबाई।
सिवनी, बालाघाट, गोंदिया, महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° à¤à¤µà¤‚ छतà¥à¤¤à¥€à¤¸à¤—ढ़ में पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ सरनेम – अमà¥à¤¬à¥‚लà¥à¤¯à¤¾, आमूले, कटरे, कटरा, कोलहया, गौतम, चौहान, चौधरी, चैतवार, ठाकà¥à¤°, टेमà¥à¤à¤°à¥‡, टेमà¥à¤à¤°à¤¯à¤¾, डाला, तà¥à¤°à¥‚स, तà¥à¤°à¤•र, पटले, पटलया, परिहार, पारधी, कà¥à¤‚ड, फरीद, बघेला, बिसन, बिसेन, बोपचà¥à¤¯à¤¾, बोपचे, à¤à¤—त, à¤à¥ˆà¤°à¤µ, à¤à¥ˆà¤°à¤®, à¤à¥‹à¤¯à¤°, à¤à¤¡à¤¼à¤¾, रंजाहार, रंजहास, रंदीपा, रहमत, राणा, राना, राउत, राहंगडाले, रिमहाईस, शरणागत, सहारत, सहारे, सोनवानà¥à¤¯à¤¾, सोनवाने, हनवत, हिरणखेडà¥à¤¯à¤¾, छिरसागर।
पंवारों का मूल गौतà¥à¤° तो वशिषà¥à¤ ही है ऊपर दिठगठसà¤à¥€ सरनेम या उपनाम है।
उपरोकà¥à¤¤ जानकारी पà¥à¤°à¤•ाशन दिनांक तक पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥‹à¤‚ के नाम तथा सरनेम इस लेख में दिठगठहै।
]>समृदà¥à¤§à¤¿ के पथ पर बढ़ते समाज में हमारे वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤°à¥€ बंधà¥à¤“ का विकास अनà¥à¤¯ समाजो की तरह तेजी से नहीं हो पा रहा है न ही हम पवार समाज वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤° के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में अपनी सà¥à¤¦à¥ƒà¤¢à¤¼ पहचान सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ कर पाठहै.. कही न कही हमारी समाज का वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤°à¥€ वरà¥à¤— आकार में विशालकाय होने के बावजूद à¤à¥€ पिछड़ा हà¥à¤† है और जिसे हम सब को मिलकर आगे बढ़ाना होगा उनà¥à¤¨à¤¤ बनाना होगा.. कà¥à¤¯à¥‹à¤•ि हम सà¤à¥€ के परिवारों से कोई न कोई तो अवशà¥à¤¯ ही वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤° से जà¥à¤¡à¤¼à¤¾ हà¥à¤† है .. तो हम सब को आगे आना होगा à¤à¤• दूसरे का सहयोग करना होगा और समाज के वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤ªà¤°à¥€ वरà¥à¤— को समृदà¥à¤§ और विकासशील बनाना होगा !!
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हमारे वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° और सेवाà¤à¤‚ :
Areas : BHOPAL, MANDIDEEP,BUDHNI,HOSANGABAD,SARNI,BETUL,MULTAI,CHHINDWARA,NAGPUR,BALAGHAT,JABALPUR,INDORE etc..!
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Jai raja BHOJ
पà¥à¤¨à¤°à¥à¤µà¤¿à¤µà¤¾à¤¹ में समसà¥à¤¯à¤¾ : समाज में अब तक कोई à¤à¥€ à¤à¤• à¤à¤•ीकृत पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥€ विकसित नहीं है जहा पà¥à¤¨à¤°à¥à¤µà¤¿à¤µà¤¾à¤¹ समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¥€ यà¥à¤µà¤• यà¥à¤µà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹ की जानकारी मिल सके..इसके अलावा कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¤µà¤¾à¤¦ की समसà¥à¤¯à¤¾ à¤à¥€ जिससे जानकारी का आदान पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ नहीं हो पाता और रिशà¥à¤¤à¥‡ नहीं बन पाते..समाज के à¤à¤¸à¥‡ परिवारजन या वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ (यà¥à¤µà¤• -यà¥à¤µà¤¤à¤¿à¤¯à¤¾) जिनके जीवनसाथी की या तो मृतà¥à¤¯à¥ हो चà¥à¤•ी है या फिर किसी और वजह से अपने जीवनसाथी से à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ à¤à¤•ल जीवन यापन करने पर विवश है..कà¤à¥€ कà¤à¥€ परिवार या वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ पà¥à¤¨à¤°à¥à¤µà¤¿à¤µà¤¾à¤¹ करने चाहते है किनà¥à¤¤à¥ कà¥à¤› सामाजिक परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की वजह से खà¥à¤²à¤•र अपनी बात कह नहीं पाते à¤à¤¸à¥‡ में हमारे परिवार की बहन बेटीया या यà¥à¤µà¤• यà¥à¤µà¤¤à¤¿à¤¯à¤¾ जिनका जीवन सà¥à¤§à¤° सकता है वो जानकारी के आà¤à¤¾à¤µ में अपना जीवन न चाहते हà¥à¤ à¤à¥€ इसी तरह बिताने पर विवश हो जाते है !!
समाधान : पवार समाज के विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹ में निवासरत परिवारों में à¤à¤¸à¥‡ à¤à¤¾à¤ˆ बहिन जो अपने जीवन की नयी शà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤¤ करना चाहते है उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पवारमटà¥à¤°à¥€à¤®à¥‹à¤¨à¤¿à¤…ल à¤à¤• सामूहिक मंच पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ करता है जिससे पà¥à¤°à¥à¤¨à¤µà¤¿à¤µà¤¾à¤¹ समबनà¥à¤§à¤¿à¤¤ सदसà¥à¤¯ अपनी जानकारी हमें दे सकते है और हम à¤à¤¸à¥‡ सà¤à¥€ सदसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ जो विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹ से होंगे उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अपना जीवनसाथी तलाशने में सहायक à¤à¥‚मिका अदा कर पà¥à¤°à¥à¤¨à¤µà¤¿à¤µà¤¾à¤¹ समबनà¥à¤§à¤¿à¤¤ सदसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ की जानकारी साà¤à¤¾ की जाà¤à¤—ी!!
नोट : जो वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ अपनी किसी निजी कारणों से सामूहिक मंच पर जानकारी साà¤à¤¾ नहीं करना चाहते..वो अपने बचà¥à¤šà¥‹ या अपनी जानकारी सीधे हमसे संपरà¥à¤• करके विचार विमरà¥à¤¶ कर सकते ..आपका पूरा सहयोग किया जायेगा !!
पà¥à¤¨à¤°à¥à¤µà¤¿à¤µà¤¾à¤¹ सबंधित सामाजिक वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ अपनी वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤—त जानकारी दिठगठलिंक पर जाकर पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करे : http://www.pawarmatrimonial.com/register/
नोट : सà¤à¥€ सामाजिक बंधà¥à¤“ से विनमà¥à¤° निवेदन है की.. हो सकता है यह जानकारी आपके लिठमहतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ ना हो किनà¥à¤¤à¥ अपने समाज में, या अपने रिसà¥à¤¤à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥‹ या फिर किसी परिचित के घर परिवार à¤à¤¾à¤ˆ बहन या बचà¥à¤šà¥‹ के लिठजो अपनों के जीवन को फिर नयी शà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤¤ देना चाहते हो उनके लिठजानकारी अतà¥à¤¯à¤‚त उपयोगी हो सकती है.. कृपया समाजहित में सहयोग करे.. अधिक से अधिक लोगो तक पहà¥à¤šà¤¾à¤¯à¥‡ शेयर करे!!
]>à¤à¤• तरफ अपना समाज तरकà¥à¤•ी कर रहा है à¤à¤• नयी उचाईयों तक पहà¥à¤‚च रहा है अपने “राजा à¤à¥‹à¤œ के वंशज” होने पे बड़ा फकà¥à¤° होता है लेकिन दूसरी और समाज के कà¥à¤› कड़वे सच à¤à¥€ है जिनà¥à¤¹à¥‡ हम देखना नहीं चाहते | उनसे आà¤à¤–ें मिलाता हूठतो परेशान हो जाता हूठ| वैसे हमारा सीधे लेना देना नहीं है  हम ही इस बारे में कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ सोचें हमारी ज़िनà¥à¤¦à¤—ी तो ठीक ठाक चल रही है हमें कà¥à¤¯à¤¾ फरà¥à¤• पड़ता है – लेकिन फरà¥à¤• पड़ता है | हम à¤à¥€ तो इसी समाज का à¤à¤• हिसà¥à¤¸à¤¾ हूठ| हर बात के हमसे आपसे होकर ही तो गà¥à¤œà¤°à¤¤à¥€Â है … आज अगर राजा à¤à¥‹à¤œ ज़िंदा होते तो हम उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ कà¥à¤¯à¤¾ जवाब देते |||
समाज में विधवाओं की दशा आधà¥à¤¨à¤¿à¤• काल में à¤à¥€ बड़ी शोचनीय है । अतः विधवा पà¥à¤¨à¤°à¥à¤µà¤¿à¤µà¤¾à¤¹ की समसà¥à¤¯à¤¾ किसी न किसी रूप में अब à¤à¥€ उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है अपने समाज में जिसे मिलकर दूर करने का मिलकर पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ करना है |
पà¥à¤¨à¤°à¥à¤µà¤¿à¤µà¤¾à¤¹ इचà¥à¤›à¥à¤• समाज का वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ इस लिंक पर जा के अपना ऑनलाइन रजिसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤¨ करे : http://www.pawarmatrimonial.com/register/
ऑनलाइन रजिसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤¨ के उपरांत आपको आपकी ऑनलाइन रजिसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤¨, लॉगिन अवं पà¥à¤°à¥‹à¤«à¤¾à¤‡à¤² डिटेलà¥à¤¸ रजिसà¥à¤Ÿà¤°à¥à¤¡ मोबाइल नंबर पर हमारे दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¥‡à¤œ दी जाà¤à¤—ी |
आपको पावरमैटà¥à¤°à¥€à¤®à¥‹à¤¨à¤¿à¤…ल के वà¥à¤¹à¤¾à¤Ÿà¥à¤¸à¤…पà¥à¤ªà¤—à¥à¤°à¥‚प में जोड़ लिया जाà¤à¤—ा जिसमे वैवाहिक जानकारी शेयर की जाती है |
]>पावर इंजीनियरà¥à¤¸ à¤à¤‚व़ à¤à¤ªà¥à¤²à¤¾à¤ˆà¤œ à¤à¤¸à¥‹à¤¸à¤¿à¤à¤¶à¤¨, म०पà¥à¤°à¥¦ में बिजली कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° की पाà¤à¤šà¥‹ कमà¥à¤ªà¤¨à¥€ केडर के अधिकारियों/करà¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की समसà¥à¤¯à¤¾ और माà¤à¤— हेतॠà¤à¤•मातà¥à¤° संगठन।
]>लोकतानà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ बहाल करने और राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¦ को बà¥à¤¾à¤µà¤¾ देने के लिठ–
“राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ राजा à¤à¥‹à¤œ महासंघ का गठन”
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होशंगाबाद। हर जिले ,हर कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° ,हर संà¤à¤¾à¤— और हर पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤ के राजा à¤à¥‹à¤œ वंशीय पवार ,à¤à¥‹à¤¯à¤° और परमारों को समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤œà¤¨à¤• पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿à¤¤à¥à¤µ देने और लोकतानà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ से समाज के पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को चà¥à¤¨à¤¨à¥‡ के उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ से राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ राजा à¤à¥‹à¤œ महासंघ का गठन किया जा रहा है। उकà¥à¤¤ आशय की विजà¥à¤žà¤ªà¥à¤¤à¤¿ शà¥à¤°à¥€ नारायण पवार दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ जारी की गई। उलà¥à¤²à¥‡à¤–नीय है शà¥à¤°à¥€ नारायण पवार जिला करà¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ होशंगाबाद के 20 वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ तक निरà¥à¤µà¤¿à¤°à¥‹à¤§ अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· चà¥à¤¨à¥‡ गठऔर सेवानिवृतà¥à¤¤à¤¿ के बाद से वे सेवानिवृत करà¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ संघ के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· हैं।
अà¤à¥€ हाल ही में उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ असंगठित कामगार संघ का अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· मनोनीत किया गया है। शà¥à¤°à¥€ नारायण पवार लगà¤à¤— 40 वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ से वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¤¾à¤¯à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¨à¥‹ और कपà¥à¤¯à¥‚टर टà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤¿à¤‚ग में दे रहे हैं जिससे लाà¤à¤¾à¤¨à¥à¤µà¤¿à¤¤ होकर हजारों की संखà¥à¤¯à¤¾ में यà¥à¤µà¤•- यà¥à¤µà¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ देश और पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के कारà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯à¥‹à¤‚ में सेवारत हैं। शà¥à¤°à¥€ नारायण पवार आज à¤à¥€ नरà¥à¤®à¤¦à¤¾ परिकà¥à¤°à¤®à¤¾ करने वाले शà¥à¤°à¥ƒà¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं को अपने घर निःशà¥à¤²à¥à¤• à¤à¥‹à¤œà¤¨ और आवास की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ कराते हैं और दसवां तथा तेरहवीं कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® होशंगाबाद घाट पर नाममातà¥à¤° वà¥à¤¯à¤¯ पर संपनà¥à¤¨ कराने में सहयोग करते हैं।
शà¥à¤°à¥€ नारायण पवार दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ जारी विजà¥à¤žà¤ªà¥à¤¤à¤¿ में कहा गया है कि राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ राजा à¤à¥‹à¤œ महासंघ में पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° के राजा à¤à¥‹à¤œ वंशीय पवार ,à¤à¥‹à¤¯à¤° और परमारों के समाज संगठनों का समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤œà¤¨à¤• पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿à¤¤à¥à¤µ सà¥à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤ किया जायेगा। इस संगठन का रजिसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤¶à¤¨ नई दिलà¥à¤²à¥€ से कराया जा रहा है ताकि यह कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¤µà¤¾à¤¦ से ऊपर उठकर लोकतानà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤• पदà¥à¤§à¤¤à¤¿ से समाज सेवा का कारà¥à¤¯ कर सके।
उलà¥à¤²à¥‡à¤–नीय है अà¤à¥€ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ पवार कà¥à¤·à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯ महासà¤à¤¾ केवल गोंदिया बालाघाट और à¤à¤‚डारा का पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿à¤¤à¥à¤µ करता है à¤à¤µà¤‚ इनà¥à¤¹à¥€ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ के लोगों को पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿à¤¤à¥à¤µ दिया जाता हैं जिससे समय समय पर उसपर आकà¥à¤·à¥‡à¤ª à¤à¥€ लगते रहे हैं पर वे अपने छिपे à¤à¤œà¥‡à¤‚डे पर चलने के लिठबाधà¥à¤¯ हैं और चाहकर à¤à¥€ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¤µà¤¾à¤¦ से ऊपर नहीं उठपा रहे हैं। यह संगठन समाज सदयों को वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से à¤à¥à¤°à¤®à¤¿à¤¤ करता आ रहा है और अनà¥à¤¯ जिले और कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° के संगठनों की उपेकà¥à¤·à¤¾ करता आया है। उसके निमंतà¥à¤°à¤£ पतà¥à¤° में à¤à¥€ किसी कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° विशेष के लोगों को ही वरीयता दी जाती है।
शà¥à¤°à¥€ नारायण पवार ने सà¤à¥€ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° के à¤à¥‹à¤¯à¤° पवार और परमार समाज संगठन के सदसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ और पदाधिकारियों से अनà¥à¤°à¥‹à¤§ किया है कि वे गोंदिया में हो रहे 14 ,15 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ के आयोजन का बहिषà¥à¤•ार करें और राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ राजा à¤à¥‹à¤œ महासंघ के सदसà¥à¤¯ बनकर और इससे जà¥à¥œà¤•र कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¤µà¤¾à¤¦ के सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¦ को बà¥à¤¾à¤µà¤¾ देने में सहयोग करें। शà¥à¤°à¥€ नारायण पवार का मोबा न आपकी सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ के लिठदिया जा रहा है -9165868465
पवार जंगल में उगे पेड़ की तरह पलते हैं-
कृषà¥à¤£ के घर सà¥à¤¦à¤¾à¤®à¤¾ का जाना नहीं,अपितॠशबरी के घर राम का जाना लोक जीवन में मायने रखता हैं। à¤à¤¸à¤¾ ही कà¥à¤› तब घटित हà¥à¤† जब जिला कà¥à¤·à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯ पवार समाज संगठन छिंदवाड़ा के पदाधिकारी गण, कà¥à¤› गण मानà¥à¤¯ समाज सदसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के साथ शिवानी के घर उसे बधाई देने और समà¥à¤¬à¤² पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करने पहà¥à¤à¤šà¥‡à¤‚। उलà¥à¤²à¥‡à¤–नीय है कि छिंदवाड़ा जिले के छोटे से गांव बीचकवाड़ा में रहने वाली कॠशिवानी पवार ने 12वीं के कला संकाय की मेरिट सूची में मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में पहला सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ किया है। उसकी इस उपलबà¥à¤§à¤¿ के लिठमाननीय मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€ शिवराजसिंह चौहान दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¥€ कॠशिवानी पवार को समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ किया जा चूका है। इस अवसर पर कॠशिवानी पवार पिता शà¥à¤°à¥€ दिनेश पवार* के घर पहà¥à¤‚चकर माननीय जिला अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· शà¥à¤¨à¥€ à¤à¤¨,आर.डोंगरे,जिला सचिव महेश डोंगरे,राजा à¤à¥‹à¤œ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ अनाव़रन के जिला अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· शà¥à¤°à¥€ हेमराज पवार ,यà¥à¤µà¤¾ जिला अधयकà¥à¤· देवीलाल जी पाठे,रामचनà¥à¤¦à¥à¤° पवार,सà¥à¤¤à¤¾à¤°à¤¾à¤® शेरके सतीश चनà¥à¤¦à¥à¤° पवार,उमेश माटे,रामदास पवार सारोठ,दीपक गाडरे पालाखेड ,मधॠपवार,गजानद पवार मंगल पवार,मदन पवार,रामकृषà¥à¤¨à¤¾ पवार रामपà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ पवार ,गà¥à¤°à¥‚पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ बोबडे ,हरिपà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦à¤œà¥€ बोबड़े,पनà¥à¤¨à¤¾à¤²à¤¾à¤²à¤œà¥€ डोंगरे,दिनेश जी पाठे ,बनवारी जी पवार आदि दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¤µà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¾à¤—त किया गया और उसकी हर संà¤à¤µ सहायता का आशà¥à¤µà¤¾à¤¶à¤¨ दिया गया।
उलà¥à¤²à¥‡à¤–नीय है कि पवार बगीचे में नहीं जंगल में उगे पेड़ की तरह पलते बà¥à¤¤à¥‡ हैं। जंगल में पेड़ सà¥à¤µà¤¯à¤‚ संघरà¥à¤· करके पलता -बà¥à¤¤à¤¾ है। बगीचे में पौधे रोपे जाते हैं। उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ खाद पानी दिया जाता है। माली उनकी देखरेख करता है। परनà¥à¤¤à¥ पवारों के à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ में न बगीचा होता है और न माली। जैसे किसी जंगल में पेड़ अपने आप उगते और पलते बà¥à¤¤à¥‡ हैं वैसे अधिकांश पवार संघरà¥à¤· में ही जीते और पलते बà¥à¤¤à¥‡ हैं। वे बगीचे और माली के लिठतरसने के सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर जंगल में संघरà¥à¤· के लिठतैयार रहते हैं। जंगल में पौधे सà¥à¤µà¤¯à¤‚ अपना सृजन करते हैं सà¥à¤µà¤¯à¤‚ अपना निरà¥à¤®à¤¾à¤£ करते हैं। कॠशिवानी à¤à¥€ इसी तरह जंगल में उगे पेड़ का पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿à¤¤à¥à¤µ करती है और बिना माली के पलà¥à¤²à¥à¤µà¤¿à¤¤ और पà¥à¤·à¥à¤ªà¤¿à¤¤ होने का पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿à¤¤à¥à¤µ करती है। उसकी संघरà¥à¤·à¤¶à¥€à¤²à¤¤à¤¾ और उसके जोश जूनून और जजà¥à¤¬à¥‡ को नमन।
चितà¥à¤° – सौजनà¥à¤¯ :शà¥à¤°à¥€ हेमराज पवार पाला चौरई
#pawarmatrimonial
-सà¥à¤–वाड़ा ,सतपà¥à¥œà¤¾ संसà¥à¤•ृति संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ ,à¤à¥‹à¤ªà¤¾à¤²
à¤à¥‚ठी पड़ी कहावत –“कहाठराजा à¤à¥‹à¤œ और कहाठगंगू तेली”
हमारे अपने बीच के ही साथी शà¥à¤°à¥€ बलराम डाहरे ने इस कहावत को ही à¤à¥‚ठा साबित कर दिखाया है। à¤à¤• रंक ने आज वह कर दिखाया है जो वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ पूरà¥à¤µ किसी राजा ने कर दिखाया था। मृत राजा à¤à¥‹à¤œ की कथा कहानी तो आपने सà¥à¤¨ रखी है पर हमारे बीच जिनà¥à¤¦à¤¾ राजा à¤à¥‹à¤œ को बहà¥à¤¤ कम लोग जानते है। शà¥à¤°à¥€ बलराम डाहरे को जीवित राजा à¤à¥‹à¤œ कहना अतिशयोकà¥à¤¤à¤¿ हो सकती है पर उनके लिठइससे उपयà¥à¤•à¥à¤¤ और कोई विशेषण पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤¤ ही नहीं होता। राजा à¤à¥‹à¤œ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¥‹à¤ªà¤¾à¤² के निकट à¤à¥‹à¤œà¤ªà¥à¤° में शिव मंदिर बनाया गया था जिसे मालवा का सोमनाथ कहा जाता है। à¤à¥‹à¤ªà¤¾à¤² के ही समीप मणà¥à¤¡à¥€à¤¦à¥€à¤ª सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ 55 सीढ़ी मंदिर पà¥à¤°à¤¾à¤‚गण में शà¥à¤°à¥€ बलराम डाहरे दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ 65 फ़ीट ऊà¤à¤šà¤¾ शà¥à¤°à¥€ राम जानकी मंदिर बनाकर अपने पूरà¥à¤µà¤œ राजा à¤à¥‹à¤œ की परंपरा को आगे बढ़ाया है और इस कहावत को à¤à¥‚ठा साबित कर दिया है जो इतिहास पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ है -कहाठराजा à¤à¥‹à¤œ और कहाठगंगू तेली। इस मंदिर में जयपà¥à¤° से मंगवाया गया संगमरमर का साढ़े चार फ़ीट ऊà¤à¤šà¤¾ राम दरबार सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ है। इस मंदिर की विशेषता यह है कि यहाठसे राजा à¤à¥‹à¤œ निरà¥à¤®à¤¿à¤¤ à¤à¥‹à¤œà¤ªà¥à¤° शिव मंदिर दिखाई देता है। बैहर बालाघाट के राम मंदिर से à¤à¥€ à¤à¤µà¥à¤¯ और मनोरम यह मंदिर पवारों की शान में चार चाà¤à¤¦ लगा रहा है। à¤à¥‹à¤ªà¤¾à¤² आते जाते इसका दरà¥à¤¶à¤¨ लाठलिया जा सकता है। य़ह मंदिर रेलवे सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ और बस सà¥à¤Ÿà¥ˆà¤‚ड से मातà¥à¤° à¤à¤• डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है। इस महान कारà¥à¤¯ के à¤à¤µà¤œ में शà¥à¤°à¥€ बलराम डाहरे को कà¤à¥€ बधाई देने का मन करे या उनसे बात करने का मन करें तो उनका मोबाइल न है -08889913842 ,09009408298