स्वजनों ,
“समाज के नोबेल पुरस्कार” अब “राष्ट्रीय भर्तृहरि-विक्रम-भोज पुरस्कार” पर केंद्रित “सुखवाड़ा” ई – मासिक का अप्रैल 2019 अंक की फाइल संलग्न है।
सादर।
आपका “सुखवाड़ा ”
क्षत्रिय पवार समाज के सभी विवाह योग्य युवक युवतियों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी :Register Here
“समाज के नोबेल पुरस्कार” अब “राष्ट्रीय भर्तृहरि- विक्रम- भोज पुरस्कार” -क्या, कब ,कैसे, क्यों ,किसे, कौन ?
————————————–
1 -“सुखवाड़ा” निःशुल्क ई मासिक भोपाल की विनम्र पहल और शासकीय सेवक समूह व्हाट्सएप्प भारत का सहर्ष समर्थन ।
2 -विभिन्न स्तरों पर समाज की प्रतिभाओं को चिह्नित कर उन्हें समाज से परिचित कराने और मुख्य धारा में जोड़ने हेतु विनम्र प्रयास।
3 – समाज की प्रतिभाओं को अपेक्षित सम्मान दिलाने और समाज के अन्य सदस्यों को प्रेरित प्रोत्साहित करने हेतु अभिनव अभियान ।
4 -समाज के सहयोग से एक सम्मानजनक फण्ड संगृहीत कर प्रति वर्ष विभिन्न क्षेत्र की प्रतिभाओं का सम्मान करना।
5 -क्षेत्र ,बोली- भाषा और भौगोलिक सीमा से परे समाज की प्रतिभाओं द्वारा समाज और देश के उन्नयन-उत्थान हेतु किए गए सार्थक प्रयासों के लिए पुरस्कृत करना।
6 – चिह्नित 10 क्षेत्रों में किये गए बेहतर प्रदर्शन के लिए बिना भेदभाव के योग्य व पात्र आवेदक को ही पुरस्कृत करना ।
7 -“पवार मैट्रिमोनियल” वेबसाइट (श्री महेंद्र डिगरसे,श्री चन्दन पवार) द्वारा इसके पुरस्कार आदि के लिए ऑन लाइन आवेदन की पूरी व्यवस्था संभालना ।
8 -समाज के विभिन्न फेसबुक समूह के एडमिन (राजेश बारंगे ,जीवन बुवाड़े ,नीरज चोपड़े ,नीरज पवार,दीपक भगत ,प्रवीण भादे,आदि ) द्वारा इस पुरस्कार से सम्बंधित समस्त सूचना, जानकारी ,कार्यक्रम आयोजन और पुरस्कार वितरण से लेकर समाज सदस्यों के सहयोग तक को साझा करने में सहायता करना।
9 – चिह्नित 10 क्षेत्रों के अलावा भी कोई समाज सदस्य अपने अनुदान से समाज सेवा के क्षेत्र में पुरस्कार देना चाहें तो उसे ससम्मान स्वीकारना और स्वीकृति देना।
10- “समाज के नोबेल पुरस्कार” समाज का, समाज द्वारा और समाज के लिए पुरस्कार के माध्यम से समाज को एकजुट करना व परस्पर संबंधों को प्रगाढ़ करना ।
11 -प्रारम्भ में प्रत्येक क्षेत्र के लिए पुरस्कार की राशि रु 5000 निर्धारित करना ।
12-पुरस्कार की निर्धारित राशि अपने किसी परिजन या पूर्वजों के सम्मान / स्मृति में समाज सदस्य /प्रायोजक द्वारा दी जाना ।
13 – पुरस्कार राशि निर्धारित क्षेत्र या उसके सब- क्षेत्र के लिए देय मान्य करना ।
14 -पुरस्कार हेतु ऑन लाइन आवेदन आमंत्रित किया जाना। इसे “पवार मैट्रिमोनियल” वेबसाइट पर जाकर पात्र आवेदक द्वारा सीधे आवेदन करना । विभिन्न समूह और व्हाट्सएप्प पर भी इसे साझा करना।
15 -प्राप्त आवेदन पर पांच सदस्यीय पुरस्कार चयन समिति (पंच परमेश्वर ) द्वारा निर्णय लेना और समिति के निर्णय को अंतिम मानना । इसे किसी भी परिस्थिति में या कहीं भी चुनौती नहीं दी जा सकेगी।
16 -पुरस्कार प्रदान करने हेतु भव्य व् गरिमामय आयोजन आयोजित करना जिसमें सभी पुरस्कृत समाज सदस्य और क्षेत्र विशेष के लिए अपने परिजन या पूर्वजों के सम्मान में पुरस्कार राशि देने वाले परिवार की उपस्थिति सुनिश्चित करना ।
17 -पुरस्कार किसी कुलपति या राष्ट्रिय स्तर के शिक्षा, साहित्य, संस्कृति क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले किसी विद्वान् के हाथों तथा पुरस्कार राशि उपलब्ध कराने वाले सदस्य के द्वारा दिया जाना ।
18 -वर्ष में एक बार आयोजित इस आयोजन का भोजन, आवास,पुरस्कार राशि ,व्यवस्था से सम्बंधित समस्त व्यय समाज द्वारा वहन किया जाना ।
19 -आयोजन हेतु राशि संग्रहण के लिए एक जन अभियान चलाया जाना। । जरुरत पड़ने पर विज्ञापन ,प्रायोजक से सहयोग लिया जाना ।
20 -पुरस्कार चयन की प्रक्रिया में भाई भतीजावाद ,भेदभाव ,चापलूसी ,बाहरी दबाव,अनावश्यक हस्तक्षेप और स्वार्थ से इसे अछूता रखने के हरसंभव प्रयास करना।
21 -“सुखवाड़ा” सतपुड़ा संस्कृति संस्थान, भोपाल को उसके किसी भी योगदान के लिए पुरस्कृत नहीं किया जाना ।
22 – पुरस्कृत सदस्यों के अपने- अपने क्षेत्र विशेष में किये गए उल्लेखनीय योगदान पर केंद्रित “सुखवाड़ा” का अंक प्रकाशित करना जिससे अन्य समाज सदस्यों को प्रोत्साहन व प्रेरणा मिल सके।
23 -पुरस्कार हेतु प्राप्त आवेदन को क्षेत्र विशेष हेतु चयनित 5 विशेषज्ञों को आवेदक के बिना नाम के ई मेल पर उपलब्ध कराना । .विशेषज्ञ उन प्राप्त आवेदन पर विचार कर व आवेदक द्वारा समाज तथा देश के उन्नयन या उत्थान हेतु दिए गए विशेष योगदान को ध्यान में रखते हुए उन्हें रैंकिंग प्रदान कर अपनी टिप्पणी के साथ समाज के नोबेल पुरस्कार आयोजक समिति को वापस करेंगे। समिति सभी विशेषज्ञों द्वारा प्रदत्त रैंकिंग और टिप्पणी के आधार पर आवेदकों में सबसे अधिक स्कोर वाले आवेदक को पुरस्कार हेतु चयनित घोषित करेगी। इस पूरी प्रक्रिया में गोपनीयता विश्वसनीयता तथा पारदर्शिता का पूरा ध्यान रखा जायेगा।
24 -“समाज के नोबेल पुरस्कार” के पुरस्कार ,आयोजन ,निमंत्रण,प्रकाशन,भोजन व आवास व्यवस्था हेतु पृथक-पृथक प्रायोजक तलाश करना ताकि सम्मानजनक राशि संग्रहित हो सके व् आयोजन गरिमापूर्ण हो सके। इसके लिए समाज संगठनों से सहयोग की अपील करना व् इसके प्रचार प्रसार हेतु बैठकों और आयोजनों में इसका विशेष और अनिवार्य रूप से उल्लेख किया जाना । जो संगठन स्वेच्छा से रचनात्मक सहयोग हेतु आगे आएं उनका स्वागत किया जाना।
25 -क्षेत्र विशेष हेतु निर्धारित पुरस्कार के लिए स्वयं आवेदक के अलावा आवेदक के लिए उनके शुभचिंतक ,परिचित ,परिजन द्वारा भी सम्बंधित की सहमति से आवेदन कर सकना ।
26 -पुरस्कार हेतु आवेदन निर्धारित दिनाँक 15 मई 2019 तक आवेदन करना अनिवार्य करना । निर्धारित दिनाँक के बाद प्राप्त आवेदन पर विचार नहीं किया जाना । पुरस्कार हेतु उम्र का कोई बंधन न होना।
27 -हमारे पूर्वज राजाभर्तृहरि राजा विक्रमादित्य,राजा भोज आदि की नव रत्न परंपरा और प्रतिभाओं के सम्मान की परंपरा को जीवित रखना और आगे बढ़ाना और समाज स्तर पर एक सामाजिक अभियान को स्वीकृति दिलाने का विनम्र प्रयास करना ।
28 -समाज के नोबेल पुरस्कार के सफलतापूर्वक आयोजन के लिए विभिन्न समितियों का गठन करना जिसमें बिना किसी भेदभाव के सभी क्षेत्र को समान प्रतिनिधित्व प्रदान करना।
29 -समय- समय पर समाज उत्थान हेतु किसी एक विषय पर आम सहमति बनाने का प्रयास करना और उसे समाज में लागू करने हेतु पहल करना। समाज के गणमान्य सदस्यों से समय- समय पर विचार विमर्श करना तथा उनके अनुभवों और सुझाओं पर अमल करना।
30 – समाज उत्थान से सम्बंधित विषयों पर परिचर्चा का आयोजन करना और उसपर राइटअप तैयार कर उसे समाज में साझा करना।
31.”राष्ट्रिय भृर्तहरि विक्रम भोज पुरस्कार” 7 जुलाई 2019 समाज के मंगल भवन. पांढुर्णा में आयोजित. करनाl
‘सुखवाड़ा ‘ निःशुल्क ई मासिक ,सतपुड़ा संस्कृति संस्थान, भोपाल की विनम्र पहल और पवार शासकीय सेवक समूह व्हाट्सएप्प भारत का सहर्ष समर्थन।